Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तैयारियां तेज
Ayodhya Ram Mandir Ceremony:
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Preparations for the Consecration: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरो पर है।
पूरी अयोध्या को सजाया जा रहा है। रामनगरी में विशेष स्वच्छता अभियान चल रहा है।
रामपथ पर साकेत महाविद्यालय के पास से भगवा वैरीकेटिंग की जा रही है।
जिसमें बीच में सफेद रंग की पट्टी भी लगाई गयी है।
रामपथ पर मौजूद घरों पर भगवा ध्वज लहारता हुआ दिख रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या को फूलों से सजाने की तैयारी हो रही है।
रामपथ पर जगह-जगह फूल व पत्तियों का इस्तेमाल करके कारीगर धनुष-बाण का निर्माण कर रहे है।
विभिन्न तरीके अयोध्या को सुन्दर व आकर्षक बनने की तैयारी की जा रही है।
शुक्रवार को किन्नर समाज ने रामपथ पर जलूस निकाला।
जलूस निकालने के बाद सभी ने सामूहिक रुप से दर्शन-पूजन भी किया |
Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony: अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्री राम के लिए चांदी के विशेष थाली में सजी 56 कटोरियों में भोग
Consecration Ceremony of Ayodhya Ram Temple: अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तैयारियां विशेष रूप से की जा रही है |
इसी समारोह में देवी तथा देवताओं को भी निमंत्रण भेजी जा रही है |
राम मंदिर में श्री राम चांदी की विशेष थाली में सजी 56 कटोरियों में लखनऊ से अयोध्या पहुंची।
56 भोग की विशेष 56 कटोरियों में छप्पन मिठाई, इसी छप्पन भोग से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में भोग लगेगा।
राम मंदिर मई भगवन सहरी राम को विशेष प्रकार के भोग लगाए जा रहे है |
Invitations to the Gods and Goddesses: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए देवी-देवताओं को दिया जा रहा निमंत्रण
Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी देवी-देवताओं को निमंत्रित किया जा रहा है।
इसी क्रम में भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली माता और माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली माता को भी निमंत्रण दिया जाएगा।
इन्हें शनिवार को निमंत्रित किया जा सकता है।
फिलहाल दोनों मंदिरों के पुजारियों का कहना है कि पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन की तिथि से
पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख न्यासी व अयोध्यानरेश विमलेन्द्र मोहन
प्रताप मिश्र ने माता का पूजन कर मंदिर के निर्विघ्न निर्माण की प्रार्थना की थी।
मातृत्व की छांव प्रदान करने के लिए उन्हें स्नेहिल निमंत्रण भी दिया था। वहीं विराजमान रामलला का जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में पदार्पण होगा। अचल विग्रह और रजत विग्रह का शर्कराधिवास, फलाधिवास के साथ साथ पुष्पाधिवास, वेदों की सभी शाखाओं का पारायण किया जाएगा। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ मंडप में बनाए गए यज्ञ कुंड में हवन किया जाएगा।