Ashok Gehlot accused central government
- अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर हरियाणा और दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों के साथ कथित तौर पर अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
- उन्होंने केंद्र सरकार की इस परोक्ष टिप्पणी की है कि हरियाणा और पंजाब के किसान ही विरोध में हैं, जबकि देश भर के 6.5 लाख गांवों के किसान इस विरोध का समर्थन कर रहे हैं। Ashok Gehlot accused central
गहलोत के मुख्य आरोप:
किसानों के प्रति केंद्र सरकार की “असंवेदनशीलता”: गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार “असंवेदनशील” है और
दिल्ली की सर्द सर्दियों में पिछले 39 दिनों से विरोध कर रहे किसानों की अनदेखी कर रही है।
उनका मानना है कि सरकार उम्मीद कर रही है कि किसान थक जाएंगे और विरोध समाप्त हो जाएगा।
गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हरियाणा और
दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों के साथ अलग व्यवहार कर रही है।
गहलोत के आरोपों के मुख्य बिंदु:
- केंद्र सरकार “असंवेदनशील” है और दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों की अनदेखी कर रही है।
- केंद्र सरकार हरियाणा और दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों के साथ अलग व्यवहार कर रही है।
- विरोध केवल हरियाणा और पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
आगे की जानकारी:
- ये आरोप राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए राज्य-विशिष्ट कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद आए हैं |
- जिन्हें केंद्र के कृषि कानूनों के प्रभाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।
- इन टिप्पणियों से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसानों के मुद्दों पर चल रहे असहमति को और हवा मिलने की संभावना है।
केंद्र सरकार पर अशोक गहलोत ने निशाना साधा:
- अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों के प्रति “दोहरी नीति” अपना रही है।
- उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरियाणा और दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों के साथ अलग व्यवहार कर रही है
- जबकि उसी सरकार ने दक्षिण राज्यों में किसान विरोधों पर तुरंत कार्रवाई की थी।
- गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार “असंवेदनशील” है और दिल्ली की सर्द सर्दियों में पिछले 39 दिनों से विरोध कर रहे किसानों की अनदेखी कर रही है।
- उनका मानना है कि सरकार उम्मीद कर रही है कि किसान थक जाएंगे और विरोध समाप्त हो जाएगा।
- गहलोत ने यह भी कहा कि विरोध केवल हरियाणा और पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
- गहलोत की टिप्पणी राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए राज्य-विशिष्ट कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद आई है,
- जिन्हें केंद्र के कृषि कानूनों के प्रभाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।
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