Chaos between police and farmers:
13 फरवरी, 2024 को पंजाब के किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने के लिए निकले।
लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
इससे शंभू बॉर्डर पर अफरा-तफरी मच गई।
किसानों का कहना है कि वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा।
किसान सुबह करीब 10 बजे शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा होने लगे।
उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की।
पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया।
लेकिन किसान नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
आंसू गैस के गोलों से किसानों की आंखों में जलन होने लगी।
वे खांसी और छींक आने लगे। कई किसान बेहोश भी हो गए।
अफरा-तफरी में कुछ किसान गिरकर घायल भी हो गए।
घटना में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए
किसानों का कहना है कि वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन पर अकारण हमला किया।
पुलिस का कहना है कि किसानों ने पुलिस पर पथराव किया और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा।
किसान हजारों ट्रैक्टर पर सवार होकर दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर भी सैंकड़ों वाहनों के साथ शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं। पंधेर के पहुंचने के बाद टकराव बढ़ने की आशंका है। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर खेतों में उतारकर वहीं टेंट तंबू गाड़ने की तैयारी भी करने लगे हैं। अगर वे बैरिकेडिंग तोड़ने में सफल नहीं होते हैं तो शंभू बॉर्डर पर ही धरना शुरू हो सकता है।
पुलिस ने किसानों पर शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर भी सैंकड़ों वाहनों के साथ शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं।
पंधेर के पहुंचने के बाद टकराव बढ़ने की आशंका है।
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर खेतों में उतारकर वहीं टेंट तंबू गाड़ने की तैयारी भी करने लगे हैं।
अगर वे बैरिकेडिंग तोड़ने में सफल नहीं होते हैं तो शंभू बॉर्डर पर ही धरना शुरू हो सकता है।
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